दीप्ति गुप्ता
कुछ भाव - कुछ विचार
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Thursday, April 23, 2009
संध्या का झुटपुट, पेड़ों का झुरमुट
थी चहक रहीं चिड़ियाँ, टी वी टी टुट टुट.....
(सुमित्रानन्दन पन्त)
( यह मेरी विशुध्द डिजिटल पेन्टिंग है)
2 comments:
अनिल कान्त
April 23, 2009 at 6:12 AM
bahut pyari hai
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के सी
April 24, 2009 at 7:43 PM
शानदार पेंटिंग है पसंद आई.
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bahut pyari hai
ReplyDeleteशानदार पेंटिंग है पसंद आई.
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