Thursday, April 23, 2009


संध्या का झुटपुट, पेड़ों का झुरमुट
थी चहक रहीं चिड़ियाँ, टी वी टी टुट टुट.....
(सुमित्रानन्दन पन्त)
( यह मेरी विशुध्द डिजिटल पेन्टिंग है)

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